झालावाड़ किला या गढ़ पैलेस का इतिहास और किले में घूमने की जानकारी

Jhalawar Fort History in Hindi
Jhalawar Fort

नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।

आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “झालावाड़ किला ”

यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।

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झालावाड़ किले का इतिहास (Jhalawar Fort History in Hindi):-

Jhalawar Fort| Garh Palace
Jhalawar Fort

इस झालावाड़ किले की स्थापना झालावाड़ रियासत के शासक महाराजा मदन सिंह ने 1840 में की थी। उन्होंने आहू नदी के तट पर स्थित रणनीतिक रूप से एक किलेबंद महल की स्थापना के लिए उस स्थान को चुना जो उनके निवास और उनके प्रशासन के लिए काम करेगा।

झालावाड़ किले ने झालावाड़ राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में कार्य किया। झालावाड़ के शासक, जो झाला राजपूत कबीले से संबंधित थे, किले के भीतर रहते थे और वहीं से अपने राज्य पर शासन करते थे।

1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने तक उन्होंने इस क्षेत्र पर अपना दबदबा कायम रखा। कई वर्षों से, झालावाड़ का किला विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं और सांस्कृतिक गतिविधियों का साक्षी रहा है।

यह शाही समारोहों, अदालती कार्यवाही और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के लिए एक स्थल के रूप में कार्य करता था। यह किला बौद्धिक और कलात्मक गतिविधियों का केंद्र था, जहां विद्वान, कवि और कलाकार नियमित रूप से दरबार आते थे।

झालावाड़ किले की वास्तुकला (Architecture of Jhalawar Fort ):-

Jhalawar Fort| Garh Palace interior
Jhalawar Fort

झालावाड़ किला, जिसे गढ़ पैलेस या झालावाड़ गढ़ के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राज्य राजस्थान के एक शहर झालावाड़ में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। किले को पृथ्वीराज जी नामक एक प्रसिद्ध वास्तुकार द्वारा डिजाइन किया गया था।

जिन्होंने इसके निर्माण में राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का मिश्रण शामिल किया था। महल परिसर में एक विशाल क्षेत्र शामिल है और इसकी दीवारों, स्तंभों और छत पर जटिल नक्काशी, सुंदर भित्तिचित्र और सजावटी सजावट दिखाई देती है।

इसके शाही आकर्षण के अलावा, झालावाड़ किले को शासक परिवार की सुरक्षा के लिए रक्षात्मक सुविधाओं के साथ भी बनाया गया था। किले में मोटी दीवारें, बुर्ज और चौकीदार हैं आज, झालावाड़ किला राजस्थान में एक प्रमुख विरासत स्थल के रूप में खड़ा है।

इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया गया है और यह दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है। किले के परिसर में एक संग्रहालय है जो कलाकृतियों, मूर्तियों, हथियारों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को प्रदर्शित करता है, जो आगंतुकों को क्षेत्र के समृद्ध अतीत की एक झलक प्रदान करता है।

अपने ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ राजपूत और मुगल प्रभावों का इसका अनूठा मिश्रण, इसे इतिहास के प्रति उत्साही और राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत की खोज करने वाले पर्यटकों के लिए एक ज़रूरी जगह बनाता है।

झालावाड़ किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist Place Around of Jhalawar Fort):-

Jhalawar Fort| Garh Palace
Jhalawar Fort

अगर आप झालावाड़ किला घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की राजस्थान के झालावाड़ शहर में झालावाड़ किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो झालावाड़ किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद्ध भी माने जाते है जहाँ आप को राजस्थान की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।

  • आनंद धाम झालरापाटन
  • भीमसागर बांध
  • झालावाड़ का किला
  • सरकारी संग्रहालय
  • गागरोन किला
  • मिटे शाह का मकबरा
  • भवानी नाट्यशाला
  • चंद्रभागा मंदिर
  • सूर्य मंदिर
  • हर्बल गार्डन
  • द्वारकाधीश मंदिर
  • चंडकेरी आदिनाथ जैन मंदिर, खानपुर
  • अनहेल जैन मंदिर
  • बौद्ध गुफाएं
  • भीमसागर बांध
  • गढ़ पैलेस झालावाड़
  • साइंस पार्क झालावाड़
  • आमझर माताजी मंदिर
  • मऊ का महल
  • राता देवी धाम
  • काकुनी मंदिर
  • केलखोयरा मंदिर
  • प्राचीन दलहनपुर मंदिर
  • हिम्मतगढ़ डैम
  • छापी बांध
  • टैरेस गार्डन
  • हरिश्चंद्र सागर डैम
  • राड़ी के बालाजी
  • खंडिया तालाब
  • गावड़ी तालाब

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झालावाड़ किला घूमने का सही समय और खुलने का समय :-

घूमने का सही समय :

अगर आप झालावाड़ किला घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं ,लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और झालावाड़ किला बेहत खुबसूरत लगता है।

खुलने का समय :-

झालावाड़ किला सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।

झालावाड़ का प्रसिद्ध भोजन (Famous Food of Jhalawar in Hindi) :-

Famous Food of Jaipur
Famous Food of Jaipur

झालावाड़ किला राजस्थान के ऐतिहासिक और सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक माना जाता है। जहां झालावाड़ किले को देखने हजारों संख्या से भी अधिक पर्यटक आते हैं तथा यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेते हैं।

यदि आप भी यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो यहां के सभी भोजन स्वादिष्ट है जेसे दाल -बाटी -चूरमा, और मक्की की राब यहाँ का सबसे प्रसिद फूड है तथा इस शहर में भोजनालयों में आपको वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के भोजन मिल जायेगा।

झालावाड़ किले तक केसे पहुंचे (How to Reach Jhalawar Fort) :-

ट्रेन से झालावाड़ किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की झालावाड़ किले के सबसे नजदीक रामगंज मंडी रेलवे स्टेशन है जो झालावाड़ के करीब ही स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और झालावाड़ किले तक पहुंच सकते है।

फ्लाइट से झालावाड़ किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो कोटा में स्थित हवाई अड्डा झालावाड़ किले के सबसे नजदीक है जो की झालावाड़ से केवल 82 किमी दुरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से झालावाड़ किले तक पहुंच सकते है।

सड़क मार्ग से झालावाड़ किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह झालावाड़ किला सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको झालावाड़ जिले या झालावाड़ किले तक पहुंचा सकती हैं।

झालावाड़ किले तक पहुंचने का मेप :-

सवाल जवाब (Question Answer) :-

झालावाड़ किला कहां स्थित है?

राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित है।

झालावाड़ किले की स्थापना कब हुई?

किले का निर्माण 1840 में हुआ था।

झालावाड़ किले का निर्माण किसने करवाया?

महाराज मदन सिंह ने।

झालावाड़ किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?

किला सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।

झालावाड़ किला क्यों फेमस है?

यह किला अपनी आकर्षक वास्तुकला, जटिल नक्काशी, सुंदर भित्तिचित्र के कारण काफी फेमस माना जाता है किले में मोजूद विशाल संग्रहालय किले का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।

सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-

दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।

यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।

धन्यवाद

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