नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “सिंधुदुर्ग किला”
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
सिंधुदुर्ग किले का इतिहास (Sindhudurg Fort History in Hindi):-
यह सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र राज्य के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन शहर के किनारे पर स्थित है। सिंधुदुर्ग किला महाराष्ट्र के ऐतिहासिक किलों में से एक है। सिंधुदुर्ग किले का निर्माण सन् 1664 में मराठा साम्राज्य के “छत्रपति शिवाजी महाराज”द्वारा करवाया गया था।
इस किले को बनाने का मुख्य उद्देश्य, डच, अंग्रेजी, पुर्तगाली विदेशी व्यापारियों के बढ़ते प्रभाव से सुरक्षा के लिए तथा जंजीरा सिद्दी के उदय को रोकना था।
सिंधुदुर्ग किला मराठाओं के दूरदर्शिता के गुण तथा उनके साधन समृद्धि को दर्शाता हुआ एक ठोस उदहारण हैं। सन् 1765 तक इस किले पर मराठा साम्राज्य का शासन था। परन्तु 1792 के दौरान ब्रिटिश संधि के अनुसार यह किला ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया था।
सिंधुदुर्ग किले की वास्तुकला (Architecture of Sindhudurg Fort ):-
विशाल अरब सागर के ठीक बीच में स्थित यह सिंधुदुर्ग किला न केवल एतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता एक मनमोहक नजारा प्रस्तुत करती है। सिंधुदुर्ग किले की ताकत इसकी अटल इंजीनियरिंग में स्थापित हैं।
इस क़िले के निर्माण में स्वदेशी सामग्रियों का उपयोग किया गया हैं। इस क़िले की नींव को सैकड़ों किलोग्राम सीसे से रखी गयी थीं। यह किला 48 एकड़ के भव्य क्षेत्र में फैला हुआ हैं । इस क़िले में 3 किलोमीटर लंबा बुलेवार्ड भी स्थित हैं।
सिंधुदुर्ग क़िले के मुख्य द्वार को इस तरह बनवाया गया हैं , ताकि इसे बाहर से पहचान न जा सके। इस किले की दीवारें 30 फीट ऊंची तथा 12 फीट मोटी हैं। जिस कारण यह सामान्य रूप से असंभव मापन है। इस किले को बनाने में 3 साल का समय लगा।
इस किले में 42 बुर्ज स्थित हैं, जो की राजकोट ,सरजकोटे किले, पद्मगढ़ जैसे कई छोटे किलो से घिरे हुए हैं। इस क़िले के अन्दर “मराठा वीर छत्रपति शिवाजी” को समर्पित एक मंदिर भी स्थित हैं। यह किला अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण आकर्षण का केन्द्र हैं, और इसी कारण हर साल हजारों पर्यटक इस किले को देखने आते हैं।
सिंधुदुर्ग किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist Place Around of Sindhudurg Fort):-
अगर आप सिंधीदुर्ग किला घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की महाराष्ट्र के मालवन शहर में सिंधुदुर्ग किले के अलावा भी कई प्रसिद मन्दिर, समुद्र तट तथा अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थल है , जो सिंधुदुर्ग किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को महाराष्ट्र की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- मां बाराही धाम
- प्रतापगढ़ किला
- रॉक गार्डन
- जय गणेश मंदिर
- रामेश्वर मन्दिर
- तलाशिल तोदावली बीच
- श्री वागेश्वर मन्दिर
- वेंगुर्ला मालवन बीच
- मालवन समुद्री अभ्यारण
- संतरी देवी मंदिर
- श्री शनिदेव धाम
- भक्ति मंदिर
- बेल्हा देवी धाम
- चिलबिला पार्क
- शहीद उद्यान पार्क
- हौदेश्वर नाथ मंदिर
- बाबा घुइसरनाथ धाम
- शाहाबाद गंगा घाट मानिकपुर
- बाबा भयहरण नाथ धाम
- फूलमती देवी मंदिर कुंडा
- बेंती झील कुंडा
- बाबा बेलखरनाथ धाम
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सिंधुदुर्ग किला घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घूमने का सही समय :–
अगर आप सिंधुदुर्ग किला घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है । इसलिए आप अक्टूबर से लेकर फरवरी तक के सर्दियों के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं। इस समय मौसम ठंडा रहता है और सिंधुदुर्ग किला बेहद खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
सिंधुदुर्ग किला सप्ताह के सातों दिन खुला रहता हैं। आप कभी भी सिंधुदुर्ग किला घूमने आ सकते हैं। इसके खुलने का समय सुबह 8:00 से शाम 6:00 बजे तक हैं।
प्रवेश शुल्क :-
सिंधुदुर्ग क़िला घूमने के लिए आपका कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं लगता हैं। यहां आप बिना किसी प्रवेश शुल्क के किले में आराम से घूम सकते हैं।
सिंधुदुर्ग किले तक केसे पहुंचे (How to Reach Sindhudurg Fort) :-
ट्रेन से सिंधुदुर्ग किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की किले के सबसे नजदीक कुडाल रेलवे जंक्शन है, जो कि मालवन से 30 किलोमीटर के दूरी पर स्थित हैं। रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुँच सकते है।
फ्लाइट से सिंधुदुर्ग किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो मुंबई हवाई अड्डा किले के सबसे नजदीक है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से सिंधुदुर्ग किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह सिंधुदुर्ग किला सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको मालवन शहर या सिंधुदुर्ग किले तक पहुंचा सकती हैं।
सिंधुदुर्ग किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
सिंधुदुर्ग किला कहां स्थित है?
महाराष्ट्र राज्य के सिंधुदुर्ग जिले के मालवन शहर में स्थित है।
सिंधुदुर्ग किले की स्थापना कब हुई?
किले का निर्माण 1664 में हुआ था।
सिंधुदुर्ग किले का निर्माण किसने करवाया?
छत्रपति शिवाजी महाराज ने।
सिंधुदुर्ग किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
किला सुबह 8:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
सिंधुदुर्ग किला क्यों फेमस है?
इस क़िले के अन्दर “मराठा वीर छत्रपति शिवाजी” को समर्पित एक मंदिर भी स्थित हैं। यह किला अपनी भव्यता व सुंदरता के कारण आकर्षण का केन्द्र हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद