नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “बेकल किला”
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
बेकल किले का इतिहास (Bekal Fort History in Hindi):-
बेकल किले का निर्माण महाराजा शिवप्पा नायक के द्वारा 1650 ईस्वी में करवाया गया था, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यह किला चिरक्कल राजाओं के शासनकाल के दौरान का है और कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यह किला चंद्रगिरि चिराक्कल राजाओं का था।
लेकिन बाद में शिवप्पा नायक ने इस किले पर कब्जा कर लिया था और किले का पुनः निर्माण सन 1650-1660 के मध्य में करवाया था और सन 1776 में हैदर अली ने किले को अपने कब्जे में ले लिया था।
इतना ही नहीं बेकल किले ने टीपू सुल्तान के शासनकाल के दौरान भी बड़ी भूमिका निभाई थी जब टीपू सुल्तान ने मालाबार पर कब्जा करने के लिए हमला किया था।
टीपू सुल्तान ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और 1799 में उनके सामने लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद किले को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया, अंग्रेजों द्वारा बेकल किले पर कब्जा करने के बाद, इसका राजनीतिक और आर्थिक महत्व फीका पड़ गया।
आजादी के बाद जब भारत के राज्यों का पुनर्गठन किया गया तो बेकल गांव केरल के कासरगोड जिले का हिस्सा बन गया, और वर्तमान समय में यह बेकल किला केरल के सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है।
बेकल किले की वास्तुकला (Architecture of Bekal Fort):-
बेकल किला भारत के केरल शहर में कासरगोड जिले के नजदीक बेकल गांव में स्थित है यह किला 40 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है जो कि अंतदीप पर स्थित है यह एक विशाल किला है।
जिसकी दीवारें लगभग 12 मीटर ऊंची है और इस किले का निर्माण स्थानीय लैटराइट पत्थरों से किया गया है जो कि किले को मजबूत बनाते है।
इस किले का निर्माण किस तरह से किया गया है कि किले से पूरे किले का दृश्य नजर आता है और किले से सुंदर समुंद्र का नजारा भी देखा जा सकता है, किले में तोपों को रखने के लिए भी बीच-बीच में विशेष स्थान भी बनाए गए हैं
किले के पूर्व की ओर मुख्य द्वार मौजूद है जिसे बुर्जों के द्वारा सुरक्षित रखा गया है, किले में एक सीढ़ीदार टैंक और खाई भी मौजूद है इसी के साथ किले के दक्षिण की ओर एक सुरंग भी मौजूद है।
इतना ही नहीं किले के अंदर गोला- बारूद रखने के लिए एक विशेष बारूदखाने और निगरानी मचान जाने के लिए एक विशेष मार्ग भी बनाया गया है यह मचान बेहद ही सुंदर और आकर्षक है।
वर्तमान समय में बेकल किले के कुछ हिस्सों की खुदाई करने पर टीपू सुल्तान और इक्केरी के महाराज के समय के लैटेराइट पत्थरों से बने हुए धार्मिक ढांचे और स्मारक, मध्ययुगीन महल, परिसर और साथ ही दरबार हॉल आदि के अवशेष भी मिले हैं।
साथ ही उत्खनन के दौरान महत्वपूर्ण प्राचीन सिक्के भी मिले हैं जो कि हैदर अली, टीपू सुल्तान और मैसूर के वाडियार से संबंधित है बेकल किले में विशाल हॉल और समुंदर का शानदार दृश्य भी देखने को मिलता है जो कि किले का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
बेकल किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Bekal Fort):-
अगर आप बेकल किले में घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की केरल में बेकल किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को केरल की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- अल्लेप्पी – पूर्व का वैनिस
- मुन्नार – हनीमून गंतव्य
- वायनाड – साधा जीवन व संस्कृति
- थेक्कड़ी – वन्यजीवों का स्थान
- श्री पद्मनाभास्वामी मंदिर – धार्मिकता की गूँज
- नेल्लीयमपैथी – प्राकृतिक वातावरण
- थ्रिस्सुर – शास्त्रीय कला व संस्कृति का केंद्र
- पूवर – सौंदर्यपूर्ण द्वीप
- कोवलम – ग्रामीण जीवन व बीच का संगम
- कोच्चि – अरब सागर की रानी
- पलक्कड़ किला
- वैलीपरम्ब बॅकवाटर
- बेकल फोर्ट बीच
- होसदुर्ग बिच
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बेकल किले में घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घुमने का सही समय –
अगर आप बेकल किले में घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और बेकल फोर्ट बेहत खुबसूरत लगता है। और इस समय आप बेकल किले के अलावा भी केरल के ओर भी प्रसिद स्थल घूम सकते है।
खुलने का समय :-
बेकल किला सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 5:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीयों के लिए | 5 ₹ |
विदेशियों के लिए | 100 ₹ |
बच्चो के लिए | नि:शुल्क |
बेकल किले तक केसे पहुंचे (How to reach Bekal Fort) :-
ट्रेन से बेकल किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की कासरगोड रेल्वे स्टेशन और कान्हांगड रेल्वे स्टेशन बेकल किले के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है जो केवल किले से 12 किमी दूर पर है रलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुच सकते है।
फ्लाइट से बेकल किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दे की बेकल का अपना खुद का कोई हवाई अड्डा नही है मैंगलोर हवाई अड्डा बेकल किले के सबसे नजदीक हवाई अड्डा है जो काकरागोड़ से 50 किमी दूर है।
कालिकट इंटरनेशनल हवाई अड्डा भी है जो काकरागोड़ से 200 किमी दूर स्थित है और ये सभी भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से बेकल किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह केरल सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको केरल शहर या बेकल किले तक पहुंचा सकती हैं।
बेकल किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
बेकल किले कहां स्थित है?
भारत के केरल शहर में कासरगोड जिले के नजदीक बेकल गांव में स्थित है।
बेकल किले का निर्माण किसने किया?
महाराजा शिवप्पा नायक ने।
बेकल किले की स्थापना कब हुई?
किले की स्थापना सन 1650 में हुई।
बेकल किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 5:30 बजे तक खुला रहता है।
बेकल किला क्यों फेमस है?
बेकल किला समुन्द्र के किनारे होने के कारण और किले की बनावट के काफी फेमस है।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद