नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “ जंतर मंतर”
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
जंतर मंतर का इतिहास (Jantar Mantar History in Hindi):-
सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध इस शानदार वेधशाला का निर्माण 1724 में जयपुर शहर के संस्थापक आमेर के राजा सवाई जय सिंह (द्वितीय) की व्यक्तिगत देखरेख में शुरू हुआ और 1734 में पूरा हुआ।
सवाई जय सिंह थे एक खगोल वैज्ञानिक जिनके कार्य और व्यक्तित्व की जवाहरलाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ (‘भारत: एक खोज’) में प्रशंसा की थी।
इस वेधशाला के निर्माण से पहले, सवाई जय सिंह ने प्राचीन और महत्वपूर्ण खगोलीय ग्रंथों की पांडुलिपियों को प्राप्त करने के लिए दुनिया भर के कई देशों में सांस्कृतिक दूत भेजे, जिन्हें उन्होंने अपने पोथीखाना (पुस्तकालय) में रखा और अपने शोध के लिए अनुवाद किया।
राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने देश भर में पांच हिंदू खगोलीय वेधशालाओं की स्थापना की। इन वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस और मथुरा सहित अन्य स्थानों पर किया गया था।
उन्होंने इन वेधशालाओं के निर्माण में उस समय के प्रख्यात खगोलविदों की सहायता ली। सबसे पहले, महाराजा सवाई जय सिंह (द्वितीय) ने उज्जैन में सम्राट यंत्र का निर्माण शुरू किया
इसके बाद दिल्ली में वेधशाला (जंतर मंतर) और दस साल बाद जयपुर में जंतर मंतर का निर्माण किया। यह वेधशाला लोगों को ग्रहों के बारे में बेहतर ढंग से समझने और जानने में मदद करने के लिए बनाई गई थी।
जंतर मंतर की वास्तुकला (Architecture of Jantar Mantar):-
जंतर मंतर जयपुर के सभी प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है यह जंतर मंतर राजस्थान की राजधानी जयपुर में हवामहल और सिटी पैलेस के पास स्थित है।
जयपुर में जंतर मंतर वेधशाला में 14 प्रमुख उपकरण हैं जो सौर मंडल की गतिविधियों को समझने में सहायता करते हैं, जैसे कि ग्रहण की भविष्यवाणी करना और किसी तारे की गति और स्थिति का निर्धारण करना।
जंतर मंतर में सम्राट यंत्र सबसे बड़ा यंत्र है। दूसरी ओर, यह उपकरण स्थानीय समय को 2 सेकंड तक की सटीकता के साथ माप सकता है।
जंतर मंतर संस्कृत के शब्द जंत्र मंत्र से बना है, जिसका अर्थ है ‘यंत्र’ और ‘गणना करना’, इसलिए जंतर मंतर का अर्थ है ‘गणना करने वाला यंत्र’। जंतर मंतर लगभग 18700 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है
जंतर मंतर कैसे काम करता है (How Does Jantar Mantar Work):-
इस उपकरण के डिजाइन और प्लेसमेंट ने प्रेक्षक को केवल अपनी आंखों का उपयोग करके खगोलीय पिंडों की स्थिति को नोट करने में सक्षम बनाया। मुहम्मद शाह के आदेश पर उन्होंने इस वेधशाला का निर्माण किया।
जंतर मंतर ईंटों और मलबे से बना है, जिसे बाद में चूने से लीपा जाता है। बाद में, इन उपकरणों को बिना किसी बड़े बदलाव के समय-समय पर बहाल किया गया। जिनका उपयोग खगोलीय तालिकाओं को संकलित करने और सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गति और समय की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है।
सम्राट यंत्र (Samrat Yantra)-
जंतर मंतर पर सम्राट यंत्र एक (विशाल), बहुत बड़ा त्रिभुज है इस यंत्र की दिन के समय को मापने में आधे सेकंड की सटीकता है। हालाँकि उस समय समय मापने वाली धूपघड़ी भी थीं,
सम्राट यंत्र एक क्रांतिकारी उपकरण साबित हुआ क्योंकि यह बेहद सटीक था। इस उपकरण का उपयोग ग्रहों के झुकाव कोणों की गणना के लिए भी किया जा सकता है। जो 70 फीट ऊंचा, 114 फीट लंबा और 10 फीट मोटा है।
जयप्रकाश (Jai Prakash)-
जयप्रकाश यंत्र जंतर मंतर पर एक खोखला गोला जैसा उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न चिह्नों के साथ एक तारे की स्थिति को संरेखित करने के लिए किया जा सकता है।
मिश्रा यंत्र (Mishra Yantra)-
वर्ष के सबसे छोटे दिन का निर्धारण करने के लिए मिश्र यंत्र की रचना की गई थी। इस वाद्य यंत्र की सबसे उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसे स्वयं जय सिंह ने बनाया था। एक राम यंत्र, जो दक्षिण में दो गोलाकार इमारतों का प्रतिनिधित्व करता है
जंतर मंतर के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Jantar Mantar) :-
अगर आप जंतर मंतर घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की राजस्थान के जयपुर जिले में जंतर मंतर के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो जंतर मंतर के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को जयपुर की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- सिटी पैलेस
- जल महल
- नाहरगढ़ किला
- जयगढ़ किला
- अल्बर्ट हॉल म्यूजियम
- बिरला मंदिर
- रामबाग पैलेस
- चोखी धानी
- अम्बेर किला व महल
- झालाना लेपर्ड कंजरवेशन रिज़र्व
- जंतर मंतर
- राज मन्दिर सिनेमा
- हवामहल
- सिसोदिया रानी गार्डन
- गोंविंद देवजी मंदिर
- सेंट्रल पार्क
- बापू बाजार
- वर्ल्ड ट्रेड पार्क (WTP)
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डूंगरपुर का “उदय विलास पैलेस” हेरिटेज होटल-
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जयपुर का प्रसिद्ध भोजन (Famous Food of Jaipur in Hindi) :-
जंतर मंतर राजस्थान के ऐतिहासिक और सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक माना जाता है। जहां जंतर मंतर को देखने हजारों संख्या से भी अधिक पर्यटक आते हैं तथा यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेते हैं।
यदि आप भी यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो यहां के सभी भोजन स्वादिष्ट है जेसे दाल -बाटी -चूरमा, यहाँ का सबसे प्रसिद फूड है तथा दूध -जलेबी, घेवर और स्नेह के समय कचोरी और समोसा का स्वाद ले सकते है।
जंतर मंतर घूमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घूमने का सही समय :–
अगर आप जंतर मंतर घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं ,लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और जंतर मंतर बेहत खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
जंतर मंतर सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 4:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीयों के लिए | 50 ₹ |
भारतीय बच्चो के लिए | 15 ₹ |
विदेशियों के लिए | 200 ₹ |
विदेशिय बच्चो के लिए | 100 ₹ |
जंतर मंतर तक केसे पहुंचे (How to Reach Jantar Mantar) :-
ट्रेन से जंतर मंतर तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की जंतर मंतर के सबसे नजदीक जयपुर रेलवे जंक्शन है रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और जंतर मंतर तक पहुंच सकते है।
फ्लाइट से जंतर मंतर तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो सांगानेर हवाई अड्डा जंतर मंतर के सबसे नजदीक है जो की जंतर मंतर से केवल 17 किमी दुरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से जंतर मंतर तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से जंतर मंतर तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह जंतर मंतर सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको जयपुर शहर या जंतर मंतर तक पहुंचा सकती हैं।
जंतर मंतर तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
जंतर मंतर कहां स्थित है?
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
जंतर मंतर का निर्माण किसने किया?
महाराजा सवाई जय सिंह (द्वितीय) ने।
जंतर मंतर की स्थापना कब हुई?
स्थापना 1724 ईस्वी में हुई।
जंतर मंतर प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 4:30 बजे तक खुला रहता है।
जंतर मंतर क्यों फेमस है?
जंतर मंतर अपनी वास्तुकला के कारण और जंतर मंतर वेधशाला में 14 प्रमुख उपकरण के कारण भी काफी फेमस हैं
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद