नमस्कार! आपका हमारे Knowledge With Ruchi Blog में स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं, जो अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं, साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है, जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “अचलगढ़ किला”।
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
अचलगढ़ किले का इतिहास (History of Achalgarh Fort in Hindi):-
अचलगढ़ किले का इतिहास समृद्ध और बेहत ही प्राचीन है ऐसा माना जाता है की इस किले का निर्माण में 9वीं शताब्दी में परमार वंश के शासकों द्वारा किया गया था। जो की एक राजपूत वंश के थे।
बाद में किले को आक्रमणों से बचाने और इसकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए 1452 ई. में मेवाड़ के शासक महाराणा कुंभा द्वारा इस किले का पुनर्निर्माण और किलेबंदी की गई। महाराणा कुंभा अपनी वास्तुकला कौशल के लिए बेहत प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने राजस्थान में कई किलों का निर्माण भी कराया है। अचलगढ़ किले में भी उन्होंने अपने वास्तुकला कौशल को प्रस्तुत किया है जिसमें संरचनाएँ जोड़ना, दीवारों को मजबूत करना, और इसे और अधिक दुर्जेय गढ़ बनाना शामिल है।
अचलगढ़ किले की वास्तुकला :-
भारत के राजस्थान राज्य में माउंट आबू के पास स्थित अचलगढ़ किला एक समृद्ध, विस्तृत और अतीत वाला एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक किला है। अचलगढ़ किले को किसी भी शासन के द्वारा जीत नहीं गया, क्योंकि यह किला सबसे ऊंची पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है।
यह अचलगढ़ किला पहाड़ के ऊपर इतनी ऊंचाई पर बनाया गया है कि दुश्मनों की सेना को इस किले तक पहुंचने में कई महीने लग जाते थे, इस कारण इस किले को आज तक कोई भी शासक नहीं जीत पाया।
महाराणा कुंभा ने अचलगढ़ किले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुनर्निर्माण करवाया, जिसमें कई सेक्टर तक फैली हुई मजबूत और ऊंची दीवारों से किलेबंदी की, साथ अद्भुत वास्तुशिल्प कलाकारी के साथ बेहतरीन किले का पुनर्निर्माण कराया, साथ ही किले के चारों ओर गहरी खाई खुदवा कर उसमें मगरमच्छ छोड़े गए, ताकि दुश्मन किले के अंदर प्रवेश न कर सके, किले के अंदर सुंदर मंदिर और बेहतरीन द्वार और टैंकों का निर्माण भी कराया।
अचलगढ़ किले के प्रमुख प्रवेश द्वार :-
अचलगढ़ किले में दो मुख्य द्वार बनाये गये है। पहला द्वार, जिसे हनुमानपोल के नाम से जाना जाता है, जो की पहाड़ी के नीचे स्थित है, और किले में प्रवेश करने का सबसे पहला द्वार है जिसमे दो बड़े टॉवर शामिल हैं। जिन्हें ग्रेनाइट से बनाया गया है।
जबकि दूसरा द्वार, चंपापोल के नाम से जाना जाता है जो कुछ चढ़ाई पर ऊपर स्थित है। ये द्वार चौकियों और रक्षा तंत्र के रूप में कार्य करते थे। प्रमुख प्रवेश द्वार के अलावा दो ओर प्रसिद्ध द्वार है, जिन्हें गणेश पोल और भैरवपोल के नाम से जाना जाता हैं।
अचलगढ़ किले के प्रसिद्ध मंदिर :-
किला में कई सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल बने हुए हैं। अचलेश्वर महादेव मंदिर, कांतिनाथ जैन मंदिर इसके अलावा कई अन्य छोटे मंदिर भी बने हुए है कांतिनाथ जैन मंदिर के बारे में माना जाता है की यह मंदिर जैन तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।
विशेष रूप से अचलेश्वर महादेव मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में प्राकृतिक रूप से निर्मित शिव लिंगम है और लोंगो का ऐसा मानना है कि यहां भगवान शिव के पैर के अंगूठे के निशान हैं।
अचलगढ़ किले का मुख्य आकर्षण :-
आज, अचलगढ़ किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है, जो अपनी वास्तुकला, बनावट, ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के साथ-साथ आसपास की अरावली श्रृंखला के सुंदर दृश्यों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। किले की संरचना और विरासत को बनाए रखने के लिए संरक्षण के प्रयास भी किए गए हैं, जिससे यह क्षेत्र के समृद्ध इतिहास का एक प्रमाण बना रहे।
अचलगढ़ किले के आसपास पर्यटक स्थल :-
अगर आप अचलगढ़ किला घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की माउंट आबू में और माउंट आबू के आसपास अचलगढ़ किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को अचलगढ़ किले की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- नक्की झील
- गुरु शिखर
- टॉड रॉक व्यू पॉइंट
- दिलवाड़ा जैन मंदिर
- पीस पार्क माउंट आबू
- लाल मंदिर माउंट आबू
- अचलेश्वर, माउंट आबू
- आबू वन्यजीव अभयारण्य
- अर्बुदा देवी मंदिर
- ट्रेवर टैंक
- श्री रघुनाथ मंदिर
- गौमुख मंदिर
- यूनिवर्सल पीस हॉल माउंट आबू
- सन सेट पॉइंट माउंट आबू
Read More-
चान्वा लूनी किले की अदबुध सुन्दरता-
मुरुद जंजीरा किले के मीठे पानी का रहस्य-
जूनागढ़ किले में घूमने की पूरी जानकारी-
खेजड़ला किले में घूमने की पूरी जानकारी-
अचलगढ़ क़िले में आप क्या कर सकते हैं :-
- राजस्थान के प्रमुख आकर्षणों में से एक अचलेश्वर महादेव मंदिर की यात्रा कर सकते हैं।
- अचलगढ़ में स्थित देवी काली माता के मंदिर की यात्रा कर सकते हैं, जो अचलगढ़ की चोटी पर स्थित है।
- यहां आप अचलेश्वर महादेव मंदिर के ठीक पीछे स्थित मंदाकिनी झील का मजा ले सकते हैं।
- अचलगढ़ किले में स्थित 500 साल पुराना स्फटिक कला और सुरुचिपूर्ण मूर्तियां के लिए जाना जाने वाला जैन मंदिर भी घूम सकते हैं।
- इतना ही नहीं, यहां स्थित पांच धातुओं से निर्मित नंदी जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।
अचलगढ़ किले में घूमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घूमने का सही समय –
अगर आप अचलगढ़ किला घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है । इसलिए आप अक्टूबर से लेकर फरवरी तक के सर्दियों के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं। इस समय मौसम ठंडा रहता है और अचलगढ़ किला बेहद खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
अचलगढ़ किला सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
किले में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों का कोई भी शुल्क नहीं लगता है आप निशुल्क ही किले में भ्रमण कर सकते हैं।
अचलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
ट्रेन से अचलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे, की किले के सबसे नजदीक माउंट आबू रेलवे स्टेशन है आपको जयपुर और अहमदाबाद से माउंट आबू के लिए कई भी ट्रेन मिल जाएँगी। रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुच सकते है।
फ्लाइट से अचलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दे की अचलगढ़ या माउंट आबू में कोई भी डायरेक्ट एयरपोर्ट सुविधा नहीं है। उदयपुर शहर में स्थित इंटरनेशनल हवाई अड्डा अचलगढ़ किले के सबसे नजदीक है जो अचलगढ़ किला माउंट आबू से 177 किमी की दूरी पर स्थित है। और भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से अचलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह माउंट आबू शहर सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको माउंट आबू शहर या अचलगढ़ किले तक पहुंचा सकती हैं।
अचलगढ़ किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
अचलगढ़ किला कहां स्थित है?
भारत के राजस्थान राज्य में माउंट आबू के पास अचलगढ़ किला स्थित है।
अचलगढ़ किले की स्थापना कब हुई?
किले का निर्माण 9वीं सदी की शुरुआत शताब्दी में हुआ था।
अचलगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया?
यह किला परमार वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था। जो की एक राजपूत वंश के थे।
अचलगढ़ किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
यह किला सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।
अचलगढ़ किला क्यों फेमस है?
आज, अचलगढ़ किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना हुआ है, जो अपनी वास्तुकला, बनावट, ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व के साथ-साथ आसपास की अरावली श्रृंखला के सुंदर दृश्यों से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद