गागरोन किले का इतिहास और किले में घूमने की जानकारी
गागरोन किले का निर्माण 12वीं शताब्दी के अंत में महाराज बीजलदेव द्वारा किया गया था। यह रणनीतिक रूप से काली सिंध और आहू नदियों के संगम पर बनाया गया था
गागरोन किले का निर्माण 12वीं शताब्दी के अंत में महाराज बीजलदेव द्वारा किया गया था। यह रणनीतिक रूप से काली सिंध और आहू नदियों के संगम पर बनाया गया था
जालौर किले का निर्माण कब हुआ यह आज तक अज्ञात हैं। लोगों का यह कहना हैं कि इस किले का निर्माण लगभग 8 वी –10 वी शताब्दी के मध्य में हुआ हुआ था 10 शताब्दी में जालौर शहर पर परमार राजपूतों द्वारा शासन किया गया था।
कुम्भलगढ़ किले का निर्माण मेवाड़ के शासक महाराणा कुम्भा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था। किला 1443 और 1458 के बीच बनाया गया था और मेवाड़ साम्राज्य के लिए एक रक्षात्मक गढ़ के रूप में कार्य करता था
चान्वा लूनी किले का निर्माण 19वीं शताब्दी के अंत में मारवाड़ क्षेत्र के एक प्रसिद्ध रईस कविराज मुरारीदानजी द्वारा किया गया था।
इसकी स्थापना 400 साल पहले की गई थी और इस किले की स्थापना राजपूत शासक के दरबार के महाराजा गोपाल दास जी की उपलब्धियों के लिए करवाया गया था
सामोद पैलेस की उत्पत्ति 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में देखी जा सकती है जब सामोद के रावल के रूप में जाने जाने वाले कुलीन राजपूत कबीले ने इस क्षेत्र में अपना शासन स्थापित किया।
जयगढ़ किले का निर्माण 1729 से 1732 ईसवी के मध्य में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था और उन्होंने लगभग 1744 इस्वी तक शासन किया।
देवगढ़ महल का इतिहास 17 वीं शताब्दी का है जब चुंडावत वंश के रावत परिवार द्वारा इसे एक किले के रूप में बनवाया गया था।
लक्ष्मी निवास पैलेस का निर्माण 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह के शासनकाल में हुआ था
सिटी पैलेस राजस्थान के उदयपुर जिले में एक पिछोला झील के किनारे पर स्थित है इस महल की लंबाई लगभग 244 मीटर और चौड़ाई 30. 4 मीटर है सिटी पैलेस बेहद ही खास ग्रेनाइट और संगमरमर से निर्मित है