नाहरगढ़ किले का इतिहास और किले का रहस्य
जयपुर को मराठा आक्रमणों से बचाने के लिए सवाई जयसिंह ने 1734 में अरावली पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया था। यह किला सन 1868 तक बनकर तैयार हो गया,
जयपुर को मराठा आक्रमणों से बचाने के लिए सवाई जयसिंह ने 1734 में अरावली पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया था। यह किला सन 1868 तक बनकर तैयार हो गया,
जूनागढ़ किले का शुरुआती निर्माण महाराज राव बीका द्वारा 1478 ईस्वी में करवाया गया था जो कि प्राचीन समय में एक चट्टान किले के रूप में बना हुआ था वर्तमान समय में स्थित जूनागढ़ किले का निर्माण किले को सुरक्षित रखने के लिए बाद में किया गया।
शिवनेरी किला भारत में महाराष्ट्र के पुणे जिले में नानेघाट पहाड़ी पर स्थित है यह किला महाराष्ट्र के प्रसिद्ध किलो में से एक माना जाता है जो की त्रिकोणीय आकृति में बना हुआ है यह किला लगभग 3500 फीट ऊंचा बना हुआ है
जयपुर में जंतर मंतर वेधशाला में 14 प्रमुख उपकरण हैं जो सौर मंडल की गतिविधियों को समझने में सहायता करते हैं, जैसे कि ग्रहण की भविष्यवाणी करना और किसी तारे की गति और स्थिति का निर्धारण करना।
इतिहासकारों का कहना है कि रायगढ़ किले का निर्माण चंद्रराव मोर्स द्वारा 1030 ईस्वी में करवाया गया था उस समय इस किले को रायरी किले के नाम से जाना जाता था।
तोरणा किले का निर्माण 13 वीं शताब्दी में हुआ था। हिंदू देवता शिव के अनुयायी शिव पंथ ने इसका प्रदर्शन किया। तोरणा किला छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा 1646 में उनकी किशोरावस्था के दौरान कब्जा किया गया
लोकप्रिय विजयदुर्ग किले का निर्माण भोज द्वितीय के द्वारा 13 वी शताब्दी में करवाया गया था जब तक यह किला आदिल शाह के कब्जे में था इस किले का नाम “गहरिया” था और 5 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ था
छत्रपति शिवाजी ने सन 1646-1647 के मध्य आदिलशाह से तोरण किले के साथ ही राजगढ़ किले पर भी अपना अधिकार जमा लिया था और राजगढ़ जिले का पुनर्निर्माण करवाया गया और तभी किले का नाम राजगढ़ रखा गया
बेकल किले का निर्माण महाराजा शिवप्पा नायक के द्वारा 1650 ईस्वी में करवाया गया था, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि यह किला चिरक्कल राजाओं के शासनकाल के दौरान का है
हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में करवाया था। राजस्थान के झुंजूनू में महाराजा भूपाल सिंह द्वारा बनवाए हुए खेतड़ी महल से प्रभावित होकर महाराजा प्रताप सिंह ने हवा महल का निर्माण करवाया था।