जयपुर शहर की शान “रामबाग पैलेस” का इतिहास और रामबाग पैलेस के रोचक तथ्य
रामबाग पैलेस का निर्माण जयपुर के महाराजा ने अपनी रानी की पसंदीदा दासी केसर वरदान के लिए 1835 में करवाया था। जिसमे 1935 में नवीनीकरण करवा कर एक महल में बदलवा दिया गया था।
रामबाग पैलेस का निर्माण जयपुर के महाराजा ने अपनी रानी की पसंदीदा दासी केसर वरदान के लिए 1835 में करवाया था। जिसमे 1935 में नवीनीकरण करवा कर एक महल में बदलवा दिया गया था।
प्राचीन समय में यह बैंगलोर पैलेस की जगह रेवरेंड जे गैरेट की थी जोकि एक स्कूल के प्रिंसिपल थे, परंतु 40,000 में इस जमीन को महाराजा चमरजेंद्र वाडियार ने खरीद लिया
लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण महाराजा सयाजीराव गयकवाड के द्वारा सन 1890 में करवाया गया इस पैलेस के निर्माण को पूरा होने में करीब 12 साल लगे, पैलेस के निर्माण के लिए सबसे प्रसिद्ध वास्तुकार चार्ल्स मेंट और आरएफ चिसोल्म को बुलाया गया
स्वतंत्रता मिलने के पश्चात सन 1969 में भारत सरकार को आगा खान ने महल दान कर दिया, आगा खान पैलेस को “राष्ट्रीय महत्व का स्मारक” भी मार्च 2003 में घोषित किया जा चूका है यह पहले “गांधी राष्ट्रीय स्मारक” के रूप से भी जाना जाता है
मैसूर पैलेस के ऊपरी भाग के गुंबदओं को गुलाबी रंग और स्लेटी रंग के पत्थरों से निर्मित किया गया है पैलेस के भीतर बड़े से दुर्ग में एक विशाल गुंबद पर सोने की चादर भी सजी हुई है जब सूरज की किरण इस गुंबद पर पड़ती है तो पूरा महल जगमगाने लगता है।
सरिस्का पैलेस राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है जो सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान के बीचो-बीच अरावली पर्वतों से घिरा हुआ है
इतिहासकारों का कहना है कि इस पैलेस का निर्माण महाराजा उदय सिंह द्वितीय ने 1883-1887 ईस्वी के मध्य करवाया
राजस्थान के उदयपुर शहर में स्थित यह सज्जनगढ़ पैलेस या मानसून पैलेस लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है यह पैलेस पिछोला झील के समीप समुंद्र तल से लगभग 944 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
ताज लेक पैलेस उदयपुर में “जग निवास दीप” में “पिछोला झील” के बीचो बीच स्थित है जहाँ यह लेक पैलेस तेरता हुआ दिखाई देता है ताज लेक पैलेस का निर्माण 1743 ईस्वी में महाराणा जगत सिंह ने करवाया था
सिटी पैलेस मुगल, राजपूत और यूरोपीय वास्तु कला के मिश्रण का एक अनूठा नमूना है यह जयपुर शहर के मध्य -उत्तर पूर्वी भाग में बसा हुआ है