नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “चंद्रगिरी किला ”
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
चंद्रगिरी किले का इतिहास (Chandragiri Fort History in Hindi):-
चंद्रगिरी किला लगभग 1000 साल पुराना है इस किले का निर्माण 11 वीं शताब्दी में यादवराय के द्वारा करवाया गया था उसके कुछ समय पश्चात चंद्रगिरी के किले को यादव नायडू ने अपने नियंत्रण में ले लिया था
और 1367 इस्वी के तहत विजयनगर के नियंत्रण में चला गया, लेकिन इस किले का महत्व तब बड़ा जब चंद्र गिरी किले पर सलुव नरसिम्हा रायलू शासन करने लगे
महान कृष्णदेवराय जो विजयनगर साम्राज्य के राजा थे इन्हें हर कोई जानता है लेकिन इनकी जीवन से जुड़ी कई घटनाओं के बारे में नहीं जानते आज हम ऐसे ही एक चंद्रगिरी किले से जुड़ी घटना के बारे में बताएंगे
कि जब राजा कृष्णदेव राय छोटे थे तो वे इसी किले में रहा करते थे, ऐसा भी कहा जाता है कि इसी किले में वह अपनी होने वाली पत्नी से पहली बार मिले थे
चंद्रगिरी किला विजयनगर साम्राज्य की चौथी राजधानी हुआ करता था, लेकिन पेनुकोंदा पर सुलतान के द्वारा हमला किया गया तो महाराजा कृष्णदेव राय ने चंद्र गिरी को अपनी राजधानी बना ली
चंद्रगिरि किला सन 1646 में गोलकुंडा के नियंत्रण में आ गया था और बाद में मैसूर के द्वारा इस पर कब्जा कर लिया गया।
हालांकि, 1792 के बाद से इस किले पर किसी का ध्यान नहीं गया और धीरे-धीरे इस किले की महत्वता कम होने लगी और सभी भूल गए, अब यह चंद्रगिरी किला एक बड़े पुस्तकालय संग्रहालय में बदल दिया गया है
चंद्रगिरी किले की वास्तुकला (Architecture of Chandragiri Fort):-
चंद्रगिरी किला भारत में आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में चंद्रगिरी नामक छोटे से गांव में स्थित है यह किला बेहद प्राचीन लगभग 1000 साल पुराना माना जाता है यह किला सुंदर इंडो-सर्केन वास्तुकला से निर्मित है
चंद्र गिरी किला लगभग 25 एकड़ के क्षेत्रफल में फैला हुआ है और दो भागों में विभाजित है इस किले के निर्माण में किसी भी प्रकार की लकड़ी का उपयोग नहीं किया गया बल्कि चुना, पत्थर, ईट का इस्तेमाल किया गया है
इस किले में बड़े-बड़े स्तंभ मौजूद है जो हिंदू वास्तुकला से निर्मित है इतना ही नही किले में भगवान विष्णु और भगवान शिव के 800 मंदिर मौजूद है जो की किले के चारों ओर स्थित है साथ ही रानी महल और राजा महल भी है लेकिन अब इन के कुछ अवशेष ही शेष रह गए हैं
प्रसिद्ध स्वर्णमुखी नदी किले के पास ही स्थित है जिसका उद्गम स्थल यहीं से शुरू होता है चंद्रगिरी किले में एक विशाल पुरातात्विक पुस्तकों का संग्रहालय भी मौजूद है जो की प्रसिद्ध विशाल संग्रहालय में से एक माना जाता है
इतिहासकारों का ऐसा कहना है कि पहले के राजा का महल हुआ करता था जिसे अब एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है यह किला पूर्व घाटी में स्थित है और घने जंगल के बीच होने के कारण बहुत ही सुंदर दिखाई देता है
चंद्रगिरी किले के आसपास प्रसिद पर्यटन स्थल( Famous Tourist Places Around of Chandragiri Fort) :-
अगर आप चंद्रगिरी किले में घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में चंद्रगिरी किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो चंद्रगिरी किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को चित्तूर की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- हॉर्सले हिल्स
- कलावगुंटा
- श्री सुब्रमण्या स्वामी टेंपल
- गुर्रमकोंडा किला
- नागालपुरम फॉल
- टाडा फॉल्स
- नागरी हिल्स
- मोगिली चित्तूर
- रामगिरि
- श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क
- श्री कालहस्ती मंदिर
- कैगल वाटरफॉल
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चंद्रगिरी किले में घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घुमने का सही समय –
अगर आप चंद्रगिरी किले में घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और चंद्रगिरी फोर्ट बेहत खुबसूरत लगता है। और इस समय आप चंद्रगिरी किले के अलावा भी चित्तूर शहर के ओर भी प्रसिद स्थल घूम सकते है
खुलने का समय :-
चंद्रगिरी किला सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 8:45 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीयों के लिए | 20 ₹ |
विदेशियों के लिए | 100 ₹ |
बच्चों के लिए | 10 ₹ |
चंद्रगिरी किले तक केसे पहुंचे (How to reach Chandragiri Fort) :-
ट्रेन से चंद्रगिरी किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की चन्द्रगिरी किले के सबसे नजदीक तिरुपति सेंट्रल रेलवे स्टेशन है जो केवल 17 किमी की दुरी पर स्थित है रलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुच सकते है।
फ्लाइट से चंद्रगिरी किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दे की गया और तिरुपति हवाई अड्डा चन्द्रगिरी किले के सबसे नजदीक है गया हवाई अड्डा किले से 30 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है और ये सभी भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से चंद्रगिरी किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह बिहार का चित्तूर शहर सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको चित्तूर शहर या चन्द्रगिरी किले तक पहुंचा सकती हैं।
चन्द्रगिरी किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
चन्द्रगिरी किले कहां स्थित है?
भारत में आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है।
चन्द्रगिरी किले का निर्माण किसने किया?
यादवराय शासको ने
चन्द्रगिरी किले की स्थापना कब हुई?
किले की स्थापना 11 वी शताब्दी में हुई।
चन्द्रगिरी किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 8:45 बजे तक खुला रहता है।
चन्द्रगिरी किला क्यों फेमस है?
राजा सलुव नरसिम्हा रायलू के शासन करने के बाद से और विशाल पुरातात्विक पुस्तकों का संग्रहालय होने के कारण काफी फेमस है
चंद्रगिरी किला कितना पुराना है?
चंद्रगिरी किला 1000 साल पुराना है
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद