वेसे तो हम सभी जानते है की जयपुर शहर एक ऐसा शहर है जंहा हमे एक से एक एतिहासिक इमारते ,मंदिर,किले, और महल देखने को मिलते है जो बहुत प्रसिद भी है और अद्बुद भी है।
जिनमें से आज हम सबसे प्रसिद्ध महल सिटी पैलेस के बारे में बात करेंगे जो की जयपुर शहर के हृदय में बसा हुआ है सिटी पैलेस का निर्माण 1729 से 1732 ईसवी के मध्य में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था।
जयपुर शहर को 8- 9 भागों में विभाजित किया गया जयपुर शहर में “सिटी पैलेस” ठीक बीचो-बीच मौजूद है और सिटी पैलेस की दीवारों पर विशेष प्रकार की वास्तु शिल्प की गई है जो अद्भुत और बेहतरीन है।
यह सिटी पैलेस एक पहाड़ी पर बना हुआ है इसके परिसर में प्रसिद्ध मंदिर, महल, लाइब्रेरी और साथ ही म्यूजियम भी मौजूद है जहां बेहतरीन प्राचीन वस्तुओं का समावेश है।
सिटी पैलेस का इतिहास (History of City Palace):-
सिटी पैलेस का निर्माण 1729 से 1732 ईसवी के मध्य में महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय के द्वारा किया गया था और उन्होंने लगभग 1744 इस्वी तक शासन किया।
शुरुआती समय में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय जयपुर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अम्बेर शहर पर शासन किया करते थे।
लेकिन अम्बेर शहर में आई पानी की कमी और जनसंख्या की कमी के कारण महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय जयपुर शहर में स्थानांतरित हो गए और जयपुर शहर को अपनी राजधानी बना ली।
महाराजा जयसिंह की मृत्यु के बाद जयपुर शहर पर शासन करने के लिए क्षेत्र के राजपूतों में युद्ध छिड़ गया लेकिन सन 1857 में महाराजा रामसिंह ने सिपॉय विद्रोह में ब्रिटिशो का साथ दिया और स्वयं जयपुर शहर पर शासन करने लगे।
इतिहासकारों का कहना है कि कुछ शासकों की योजनाओ के कारण जयपुर शहर को पिंक सिटी उर्फ़ गुलाबी नगरी के नाम से जाना जाने लगा।
सिटी पैलेस के परिसर में मौजूद चंद्र महल पर शासन करने वाले सबसे अंतिम महाराजा मानसिंह द्वितीय रहे, ऐसा कहा जाता है कि शुरुआती समय से ही सिटी पैलेस शाही परिवारों का निवास स्थल रहा है।
सिटी पैलेस की वास्तुकला (Architecture of City Palace):-
सिटी पैलेस की संरचना काफी अनोखी है सिटी पैलेस मुगल, राजपूत और यूरोपीय वास्तु कला के मिश्रण का एक अनूठा नमूना है यह जयपुर शहर के मध्य -उत्तर पूर्वी भाग में बसा हुआ है इस का मतलब सिटी पैलेस जयपुर शहर के ठीक बीचो बीच बना हुआ है।
सिटी पैलेस की वास्तुकारी सबसे प्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य को सौंपा गया था जयपुर शहर को 8-9 भागों में विभाजित किया गया जिसमें से 7 वे भाग में सिटी पैलेस बना हुआ है।
इसकी दीवारें कई किलोमीटर तक फैली हुई है सिटी पैलेस का परिसर काफी फैला होने के कारण इसमें कई प्रसिद्ध महल, इमारतें, मंदिर, म्यूजियम, लाइब्रेरी समाए हुए हैं।
जैसे चंद्र महल, मुकुट महल, मुबारक महल, महारानी महल और गोविंद देव जी का मंदिर है साथ ही सिटी पैलेस के परिसर में सिटी पैलेस म्यूजियम भी शामिल है जिसमें बेहद प्रसिद्ध पुरानी और अद्भुत वस्तुओं का समावेश है।
इतना ही नहीं सिटी पैलेस म्यूजियम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुए दो स्टर्लिंग चांदी के विशाल जार भी मौजूद है जो की बहुत ही दिलचस्प और आकर्षक है और 250 किलोग्राम भारी और 1.2 मीटर चौड़ा सवाई माधो सिंह प्रथम की पोशाक भी अभी तक मौजूद है जो बेहतरीन इतिहास की याद दिलाती है।
सिटी पैलेस के प्रसिद्ध द्वार (famous gates of City Palace):-
वैसे तो सिटी पैलेस में बहुत से द्वार बने हुए हैं लेकिन कुछ है जो कि वास्तुकला के कारण बेहद प्रसिद्ध है जैसे त्रिपोलिया गेट, उदय पोल, विरेंद्र पाल शामिल है जिनमें से त्रिपोलिया गेट से आम जनता को प्रवेश नहीं दिया जाता, क्योंकि वहां से केवल शाही परिवार के लोग ही प्रवेश कर सकते हैं।
आम जनता और पर्यटकों के लिए विरेंद्र पोल, उदय पोल और आतिश पोल है सीधे मुबारक महल तक जाने के लिए वीरेंद्र पोल सबसे सही द्वारा है सिटी पैलेस के सभी द्वार प्राचीन और बेहतरीन कार्यगिरी से सुसज्जित है।
सिटी पैलेस के अंदर पर्यटक स्थल (Tourist place under of City Palace):-
सिटी पैलेस एक ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है सिटी पैलेस के अंदर बहुत से प्रसिद्ध महल, इमारतें और मंदिर बने हुए हैं उनमें से कुछ बहुत ही खास जैसे प्रीतम निवास चौक, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, मुबारक महल, सिटी पैलेस म्यूजियम,गोविन्द देवजी मंदिर, महारानी महल और बग्गी खाना आदि शामिल है जो आप को जरुर देखने चाहिए।
मुबारक महल–
मुबारक महल का निर्माण 19 वीं शताब्दी में महाराजा माधो सिंह द्वितीय ने किया मुबारक महल को शुभ महल के नाम से भी जाना जाता है।
इस महल को इस्लामिक, राजपूत और यूरोपियन वास्तुकला में बनाया गया यह महल एक म्यूजियम के रूप में है जहां पर शाही परिवार की प्राचीन पोशाक, वस्त्र, शॉल और प्राचीन साड़ियों का समावेश है।
दीवान-ए-खास-
दीवान-ए -खास सिटी पैलेस का मुख्य आकर्षण केंद्र है यह एक बेहद खास कक्ष के रूप में है जिसकी छतों को महीन कारीगरी से सजाया गया है और इस कक्ष को सुनहरे और लाल रंग से सुसज्जित किया गया है।
इस कक्ष में हमें बेहद ही खास शाही राजा- महाराजाओं का सिंहासन भी देखने को मिलता है वर्तमान समय में दीवान-ए-खास कक्ष को आर्ट गैलरी के रूप में प्रयोग में लिया जाता है।
दीवान-ए-आम-
दीवाने आम एक बेहतरीन विशाल हॉल के रूप में है जिसका निर्माण प्रसिद सफेद मार्बल से किया गया, जहां पर कई बेहतरीन विशाल और प्राचीन बर्तनों का भंडार है इन बर्तनों को गंगाजल के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन बर्तनों का निर्माण महाराजा सवाई माधो सिंह द्वितीय ने करवाया था राजा के आदेश अनुसार इन बर्तनों का निर्माण 14000 चांदी के सिक्कों को पिघलाकर किया गया, इनकी ऊंचाई 1.6 मीटर, जिनकी क्षमता 4000 लीटर और लगभग वजन 340 किलोग्राम है।
गोविन्द देवजी मंदिर-
इस मंदिर का निर्माण शहर के परिसर में 18 वीं शताब्दी में किया गया था, ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर को भगवान श्री कृष्ण को समर्पित किया गया है, इस मंदिर की छत पर सोने से कारीगरी और मंदिर को भारतीय पेंटिंग से सुसज्जित किया गया है यह मंदिर जयपुर की सबसे प्रसिद जगहों में से एक है।
महारानी महल-
पुराने समय में महारानी महल रानियों के रहने की जगह होती थी लेकिन अब वर्तमान समय में इसे एक म्यूजियम के रूप में बदल कर दिया गया है अब इस म्यूजियम में शाही युद्ध के हथियारों का समावेश है।
जो कि करीब 15 वीं शताब्दी के है इतिहासकारों का कहना है कि रानी विक्टोरिया ने जो तलवार महाराजा सवाई राम सिंह को भेट दी थी वह तलवार भी मौजूद है।
सिटी पैलेस के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of City Palace):-
अगर आप सिटी पैलेस घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की राजस्थान के जयपुर जिले में सिटी पैलेस के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो सिटी पैलेस के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को जयपुर की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- हवा महल
- जल महल
- नाहरगढ़ किला
- जयगढ़ किला
- अल्बर्ट हॉल म्यूजियम
- बिरला मंदिर
- चोखी धानी
- अम्बेर किला व महल
- झालाना लेपर्ड कंजरवेशन रिज़र्व
- जंतर मंतर
- राज मन्दिर सिनेमा
- सिसोदिया रानी गार्डन
- गोंविंद देवजी मंदिर
- सेंट्रल पार्क
- बापू बाजार
- वर्ल्ड ट्रेड पार्क (WTP)
जयपुर का प्रसिद्ध भोजन (Famous Food of Jaipur in Hindi) :-
सिटी पैलेस राजस्थान के ऐतिहासिक और सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक माना जाता है जहां सिटी पैलेस को देखने हजारों संख्या से भी अधिक पर्यटक आते हैं तथा यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेते हैं।
यदि आप भी यहां के स्वादिष्ट भोजन का स्वाद लेना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो यहां के सभी भोजन स्वादिष्ट है जेसे दाल -बाटी -चूरमा, यहाँ का सबसे प्रसिद फूड है तथा दूध -जलेबी, घेवर और स्नेह के समय कचोरी और समोसा का स्वाद ले सकते है।
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सिटी पैलेस घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घुमने का सही समय –
अगर आप सिटी पैलेस घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और सिटी पैलेस बेहत खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
सिटी पैलेस सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है। और रविवार को भी खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीयों के लिए | 75 ₹ |
बच्चो के लिए | 40 ₹ |
विदेशियों के लिए | 300 ₹ |
वीडियो कैमरे का चार्ज | 150 ₹ |
कैमरे का चार्ज | 50 ₹ |
सिटी पैलेस तक केसे पहुंचे (How to reach City Palace) :-
ट्रेन से सिटी पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की सिटी पैलेस के सबसे नजदीक जयपुर रेलवे जंक्शन है रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और पैलेस तक पहुच सकते है। जहाँ से सिटी पैलेस केवल 30 मिनट की दुरी पर स्थित है।
फ्लाइट से सिटी पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो सांगानेर हवाई अड्डा सिटी पैलेस के सबसे नजदीक है जो की सिटी पैलेस से केवल 30 किमी दुरी पर स्थित है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से पैलेस तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से सिटी पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह सिटी पैलेस सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको सिटी पैलेस तक पहुंचा सकती हैं।
सिटी पैलेस तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
- सिटी पैलेस कहां स्थित है?
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
- सिटी पैलेस का निर्माण किसने किया?
महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने।
- सिटी पैलेस की स्थापना कब हुई?
सिटी पैलेस की स्थापना 1729 से 1732 ईसवी के मध्य में हुई।
- सिटी पैलेस प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
सिटी पैलेस सुबह 9:30 बजे से शाम को 5:00 बजे तक खुल रहता है।
- सिटी पैलेस क्यों फेमस है?
सिटी पैलेस का परिसर में कई प्रसिद्ध महल, इमारतें, मंदिर, म्यूजियम, लाइब्रेरी बने होने के करण बेहत फेमस है
और इस की वास्तुकला के करण भी यह काफी फेमस माना जाता है।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद