नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक महल के बारे में जानेंगे जिसका नाम है ” हवा महल “
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
हवा महल का इतिहास (Hawa Mahal History in Hindi) :-
हवा महल का निर्माण महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने 1799 में करवाया था। राजस्थान के झुंजूनू में महाराजा भूपाल सिंह द्वारा बनवाए हुए खेतड़ी महल से प्रभावित होकर महाराजा प्रताप सिंह ने हवा महल का निर्माण करवाया था।
उस समय राजस्थान में पर्दा प्रथा के कारण राजपूत महिलाओ को सड़क पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
हवामहल के निर्माण का सबसे बड़ा उद्देश्य राजपूत महिलाओं को सड़क पर होने वाले उत्सव तथा झाकियों को झरोखों से देखने की अनुमति के लिए बनवाया गया था। इन छोटे छोटे झरोखों का निर्माण इस तरीके से करवाया गया था कि तपती धूप में भी महिलाओ का चेहरा ठंडा रहे।
हवामहल की वास्तुकला (Architecture of Hawa Mahal) :-
हवामहल राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है। हवामहल एक बहुत ही उम्दा तथा अदभुद महल हैं। हवामहल राजस्थान की सबसे प्राचीन इमारतों की गिनती में आता हैं। हवामहल की वास्तुकला मुगल और राजपूत शैली का का एक अदभुद मिश्रण हैं।
इस महल का निर्माण लाल तथा गुलाबी बलुआ पत्थरों से किया गया हैं। हवामहल के वास्तुकार प्रसिद्ध लाल चंद उस्ताद थे। कहा जाता है कि महाराज प्रताप सिंह श्री कृष्ण के बहुत बड़े उपासक थे
जिस कारण उन्होंने हवामहल को श्री कृष्ण के मुकुट के रूप में निर्मित करवाया। इस महल में 953 झरोखे हैं, जिनकी नक्काशी देखने लायक है। इस महल के झरोखे इस प्रकार निर्मित थे कि गर्मियों में भी हवा के कारण महल की दीवारें ठंडी रहे।
इस महल में निर्मित अनेक खिड़कियों तथा झरोखों के कारण या महल “पैलेस ऑफ विंड” के नाम से भी मशहूर हैं। यह इमारत बिना नीव के बनी हुई दुनिया में सबसे ऊंची इमारत हैं । यह महल पर्यटकों का एक बहुत ही बड़ा आकर्षण का केन्द्र हैं।
हवामहल की रोचक जानकारी (Intresting Information About Hawa Mahal) :-
- हवा महल में कुल पांच मंजिलें हैं, आज भी जो बिना किसी आधार के अपने स्थान पर सीधी खड़ी है।
- यह इमारत बिना किसी नीव के बनी हुई दुनिया की सबसे ऊंची इमारत हैं ।
- हवामहल “palace of wind” के नाम से भी मशहूर हैं।
- हवामहल में कुल मिलाकर 953 खिड़कियां बनी हुई हैं।
- हवामहल को मशहूर वास्तुकार लालचंद उस्ताद के द्वारा डिजाइन किया गया है।
- हवा महल में प्रवेश द्वार आगे की तरफ ना होकर पीछे की तरफ है।
- यह एकमात्र ऐसा महल है जो मुगल तथा राजपूताना शैली का मिश्रण हैं।
- हवामहल को सामने से देखने पर यह बिल्कुल श्री कृष्ण जी के राजमुकुट की तरह दिखता है
हवामहल के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Hawa Mahal) :-
अगर आप हवामहल घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की राजस्थान के जयपुर जिले में हवामहल के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो हवामहल के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को जयपुर की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- सिटी पैलेस
- जल महल
- नाहरगढ़ किला
- जयगढ़ किला
- अल्बर्ट हॉल म्यूजियम
- बिरला मंदिर
- रामबाग पैलेस
- चोखी धानी
- अम्बेर किला व महल
- झालाना लेपर्ड कंजरवेशन रिज़र्व
- जंतर मंतर
- राज मन्दिर सिनेमा
- सिसोदिया रानी गार्डन
- गोंविंद देवजी मंदिर
- सेंट्रल पार्क
- बापू बाजार
- वर्ल्ड ट्रेड पार्क (WTP)
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हवामहल घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घुमने का सही समय –
अगर आप हवामहल घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और हवामहल बेहत खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय –
हवामहल सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम को 4:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क –
भारतीयों के लिए | 50 ₹ |
विदेशियों के लिए | 200 ₹ |
कैमरे का चार्ज भारतीयों के लिए | 10 ₹ |
कैमरे का चार्ज विदेशीयों के लिए | 30 ₹ |
हवामहल तक केसे पहुंचे (How to Reach Hawa Mahal) :-
ट्रेन से हवामहल तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की हवामहल के सबसे नजदीक जयपुर रेलवे जंक्शन है जहाँ से हवामहल केवल 30 मिनट की दुरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और हवामहल तक पहुंच सकते है।
फ्लाइट से हवामहल तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो सांगानेर हवाई अड्डा हवामहल के सबसे नजदीक है जो की हवामहल से केवल 30 किमी दुरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से हवामहल तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से हवामहल तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह हवामहल सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको हवामहल तक पहुंचा सकती हैं।
हवामहल तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
हवामहल कहां स्थित है?
राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित है।
हवामहल का निर्माण किसने किया?
महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने।
हवामहल की स्थापना कब हुई?
हवामहल की स्थापना 1799 ईसवी में हुई।
हवामहल प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
हवामहल सुबह 9:30 बजे से शाम को 4:30 बजे तक खुल रहता है।
हवामहल क्यों फेमस है?
हवामहल का परिसर में कई प्रसिद्ध महल, इमारतें, मंदिर, मूर्तियां बने होने के करण बेहत फेमस है
और इस की वास्तुकला के करण भी यह काफी फेमस माना जाता है। इसकी बनावट तथा नक्काशी इसे और भी रोचक तथा देखने लायक बनाती हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद