नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “कुम्भलगढ़ किला”
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
कुम्भलगढ़ किले का इतिहास (Kumbhalgarh Fort History in Hindi):-
कुम्भलगढ़ किले का निर्माण मेवाड़ के शासक महाराणा कुम्भा ने 15वीं शताब्दी में करवाया था। किला 1443 और 1458 के बीच बनाया गया था और मेवाड़ साम्राज्य के लिए एक रक्षात्मक गढ़ के रूप में कार्य करता था।
यह रणनीतिक रूप से मेवाड़ की पश्चिमी सीमा पर स्थित था, जो राज्य को आक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करता था। ऐसा माना जाता है कि यह राजस्थान के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक, महाराणा प्रताप का जन्मस्थान रहा है।
इस कुम्भलगढ़ किले ने पूरे इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं को देखा है। यह युद्ध के समय मेवाड़ के शासकों को शरण प्रदान करता था और कई आक्रमणों के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक था। यह किला 19वीं शताब्दी तक मेवाड़ शासकों के नियंत्रण में रहा जब तक कि यह ब्रिटिश साम्राज्य के नियंत्रण में नहीं आ गया।
कुम्भलगढ़ किले की वास्तुकला (Architecture of Kumbhalgarh Fort ):-
कुम्भलगढ़ किला भारतीय राज्य राजस्थान के राजसमंद जिले में उदयपुर शहर के उत्तर-पश्चिम में 82 किलोमीटर की दूरी स्थित एक वास्तुशिल्प चमत्कार है। यह समुद्र तल से 1,100 मीटर (3,600 फीट) की ऊंचाई पर अरावली पर्वत श्रृंखला के ऊपर स्थित है
और एक विशाल दीवार से घिरा हुआ है जो 36 किलोमीटर (22 मील) तक फैली हुई है किला एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है और अपने ऐतिहासिक महत्व और स्थापत्य भव्यता के लिए प्रसिद्ध है।
कुम्भलगढ़ किले को प्रसिद्ध वास्तुकार मंडन द्वारा डिजाइन किया गया था, जिन्होंने संरचना में कलात्मक और रक्षात्मक दोनों तत्वों को शामिल किया था। किला राजपूत और मुगल स्थापत्य शैली का एक शानदार मिश्रण दिखाता है। किले की विशाल दीवारें इसकी सबसे विशिष्ट विशेषताओं में से एक हैं और इसका निर्माण स्थानीय रूप से उपलब्ध सफेद संगमरमर का उपयोग करके किया गया था।
किले के परिसर के भीतर, प्रसिद्ध शिव मंदिर सहित 360 से अधिक मंदिर हैं, जो सबसे बड़ा और सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है। बादल महल (बादलों का महल) किले के भीतर एक और उल्लेखनीय संरचना है, जो आसपास के परिदृश्य के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है
आज, कुम्भलगढ़ किला मेवाड़ राजवंश की स्थापत्य प्रतिभा और सैन्य कौशल के लिए एक वसीयतनामा के रूप में खड़ा है। यह दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है जो इसकी आश्चर्यजनक वास्तुकला, जटिल नक्काशी और लुभावने दृश्यों की प्रशंसा करने आते हैं।
किला वार्षिक कुंभलगढ़ महोत्सव की मेजबानी भी करता है, यहाँ संगीत, नृत्य और अन्य कलात्मक प्रदर्शन और राजस्थान की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है
कुंभलगढ़ किले की दीवार “भारत की महान दीवार” (Kumbhalgarh Fort Wall “The Great Wall Of India”):-
कुम्भलगढ़ किले की दिवार को अभेद्यता के कारण इसे “भारत की महान दीवार” के रूप में घोषित किया है और सदियों तक मेवाड़ राज्य की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
पूरा किला इस विशाल दीवार से घिरा हुआ है जो 36 किलोमीटर (22 मील) तक फैली हुई है, यह दिवार “चीन की महान दीवार” के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी निरंतर दीवार है। यह दीवारें इतनी चौड़ी हैं कि आठ घोड़े अगल-बगल चल सकते हैं और यह सात किलेदार द्वारों से मजबूत हैं।
कुंभलगढ़ किले में प्रसिद पर्यटक स्थल (Famous tourist places in Kumbhalgarh Fort):-
कुंभलगढ़ किले में कई प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जैसे महल, मंदिर, किले और इमारते आदि भी मौजूद है जो कि महीन बेहतरीन नकाशी से निर्मित है और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं
बादल महल (Badal Mahal)-
बादल महल कुंभलगढ़ किले के सबसे प्रसिद्ध महलों में से एक है जो कि 2 मंजिला इमारत है इस महल का निर्माण राणा फतेह सिंह द्वारा सन 1885 -1930 ईस्वी में करवाया गया था
कुंभ महल (Kumbha Palace)-
कुंभ महल को राजपूत वास्तुकला की बेहतरीन संरचना में बनाया गया है जो कि 2 मंजिला इमारत है इस महल में एक सुंदर नीला दरबार भी है
बावन देवी मंदिर ( Bawan Devi Temple)-
एक परिसर में 52 मंदिर मौजूद होने के कारण इन मंदिरों का नाम 52 देवी मंदिर रखा गया है और इस मंदिर में केवल एक ही प्रवेश द्वार मौजूद है परिसर के सभी 52 मंदिरों में से 2 मंदिर आकार में सबसे बड़े, जो कि केंद्रक में स्थित है और बाकी सभी 50 मंदिर आकार में छोटे हैं
गणेश मंदिर (Ganesh Temple)-
ऐसा माना जाता है कि यह गणेश मंदिर किले में मौजूद सभी मंदिरों में से सबसे प्राचीन मंदिर है जोकि 12 फीट के मंच पर बना हुआ है
वेदी मंदिर (Vedi Temple)-
यह वेदी मंदिर एक जैन मंदिर है जो कि 3 मंजिला, अष्टकोणीय और जिसमें 36 स्तंभ मौजूद है इस मंदिर का निर्माण राणा कुंभा के द्वारा करवाया गया था जो कि हनुमान पुल के पास पश्चिम की ओर स्थित है बाद में इस वेदी मंदिर को महाराणा सिंह द्वारा पुनः निर्मित करवाया गया था
कुंभलगढ़ किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Kumbhalgarh Fort ):-
अगर आप कुंभलगढ़ किले में घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की राजस्थान के उदयपुर शहर के नजदीक स्थित राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो कुंभलगढ़ किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को राजसमंद की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
राजसमंद मैं घूमने वाले आकर्षक स्थल
- बैद्यनाथ धाम
- नंदन पहाड़
- तपोवन गुफाएँ और पहाड़ी
- नौलखा मंदिर
- बासुकीनाथ देवघर के मंदिर
- देवगढ़ पैलेस
- सत्संग आश्रम
- त्रिकूट पर्वत
- रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ
- मयूराक्षी नदी
उदयपुर के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल
- सिटी पैलेस
- बागोर की हवेली
- चित्तौड़गढ़ किला
- कुंभलगढ़ किला
- हल्दीघाटी
- सहेलियों की बाड़ी
- बड़ा महल
उदयपुर की प्रसिद्ध झीले
- पिछोला झील
- दूध तलाई झील
- उदय सागर झील
- फतेह सागर झील
- जयसमंद झील
- बड़ी झील
उदयपुर के प्रमुख मंदिर
- जगदीश मंदिर
- नीमच माता मंदिर
- एकलिंगजी मंदिर
उदयपुर मैं घूमने वाले आकर्षक स्थल
- जग मंदिर
- सज्जनगढ़ पैलेस या मानसून पैलेस
- भारतीय लोक कलामंडल और म्यूजियम
- ताज लेक पैलेस
- हाथी पोल बाजार
- अंबराई घाट
- चेतक सर्कल
- सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क
- महाराणा प्रताप स्मारक
- शिल्पग्राम
- सुखाड़िया सर्किल
- गुलाब बाग़ और चिड़ियाघर
- वैक्स म्यूजियम
- क्रिस्टल गैलरी
- विंटेज कार
- अहर म्यूजियम
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कुंभलगढ़ किला घूमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घूमने का सही समय :–
अगर आप कुंभलगढ़ किला घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं ,लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और कुंभलगढ़ किला बेहत खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
कुंभलगढ़ किला सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
भारतीयों के लिए | 10 ₹ |
विदेशियों के लिए | 100 ₹ |
कैमरा और विडियो के | 25 ₹ |
कुंभलगढ़ किले तक केसे पहुंचे (How to Reach Kumbhalgarh Fort) :-
ट्रेन से कुंभलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की कुंभलगढ़ किले के सबसे नजदीक फालना रेलवे जंक्शन और उदयपुर रेलवे स्टेशन है रेलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और कुंभलगढ़ किले तक पहुंच सकते है।
फ्लाइट से कुंभलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो उदयपुर हवाई अड्डा कुंभलगढ़ किले के सबसे नजदीक है जो की कुंभलगढ़ किले से केवल 64 किमी दुरी पर स्थित हैं। हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से कुंभलगढ़ किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से कुंभलगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह कुंभलगढ़ किला सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको राजसमंद जिले या कुंभलगढ़ किले तक पहुंचा सकती हैं।
कुंभलगढ़ किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
कुंभलगढ़ किला कहां स्थित है?
राजस्थान के राजसमंद जिले में उदयपुर शहर के उत्तर-पश्चिम में 82 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
कुंभलगढ़ किले की स्थापना कब हुई?
किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में 1443 और 1458 के बीच में हुआ
कुंभलगढ़ किले का निर्माण किसने करवाया?
महाराणा कुम्भा ने।
कुंभलगढ़ किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
किला सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 6:00 बजे तक खुला रहता है।
कुंभलगढ़ किला क्यों फेमस है?
इस किले का मुख्य आकर्षण केंद्र किले की “विशाल महान दीवार” है और वास्तुकला के अतिरिक्त किले में प्रसिद्ध मंदिर, महलों के कारण भी काफी फेमस माना जाता है
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद