नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक पैलेस के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “मैसूर पैलेस ” इसे अम्बा विलास पैलेस के नाम से भी जाना जाता है।
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
मैसूर पैलेस का इतिहास (History of Mysore Palace):-
मैसूर पैलेस का कई बार पुनर्निर्माण किया गया, सर्वप्रथम मैसूर पैलेस का निर्माण 14 वी शताब्दी मैं वाडियार शासक के द्वारा चंदन की लकड़ी से किया गया, किसी दुर्घटना में क्षतिग्रस्त होने के कारण दूसरे मैसूर पैलेस का निर्माण किया गया।
जो कृष्णराजा वाडियार चतुर्थ और उनकी मां के द्वारा सन 1897 में करवाया, महाराजा कृष्णराजा ने मैसूर पैलेस की वास्तुकला का काम सबसे प्रसिद्ध लॉर्ड हेनरी इर्विन को दिया दूसरे मैसूर पैलेस का निर्माण सन 1912 में बनकर तैयार हो गया इस समय इस पैलेस को तैयार करने में लगभग 42 लाख रुपए महल में लगाए गए।
मैसूर पैलेस की वास्तुकला (Architecture of Mysore Palace):-
मैसूर पैलेस भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है दूसरी मैसूर पैलेस का निर्माण सबसे प्रसिद्ध वास्तुकार लॉर्ड हेनरी इर्विन के द्वारा किया गया मैसूर पैलेस हिंदू, राजपूत, गोथिक और मुगल वास्तुशैलियों का एक अनूठा मिश्रण है।
मैसूर पैलेस के ऊपरी भाग के गुंबदओं को गुलाबी रंग और स्लेटी रंग के पत्थरों से निर्मित किया गया है पैलेस के भीतर बड़े से दुर्ग में एक विशाल गुंबद पर सोने की चादर भी सजी हुई है जब सूरज की किरण इस गुंबद पर पड़ती है तो पूरा महल जगमगाने लगता है।
साथ ही इस पैलेस में कई आलीशान राजाओं की विशाल शाही कक्ष भी मौजूद है पैलेस के भीतर 19वीं और 20वीं शताब्दी के समय की गुड़ियों का संग्रह भी देखने को मिलता है मैसूर पैलेस में आम जनता के लिए दीवान-ए-आम कक्ष और शाही राजाओं के लिए दीवान-ए-खास कक्षा मौजूद है।
साथ ही महल के भीतर उद्यान, महल, भवन, एक विशाल दरबार हॉल, अंबा विलास और कल्याण मंडप आदि भी पैलेस में मौजूद है जो पैलेस का मुख्य आकर्षण केंद्र बना हुआ है।
मैसूर पैलेस के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Mysore Palace):-
अगर आप मैसूर पैलेस घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की भारत के कर्नाटक राज्य में मैसूर पैलेस के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो पैलेस के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को कर्नाटक की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
- सेंट फिलोमेना चर्च
- तालकाड़ मंदिर
- बाइलाकुप्पे मंदिर
- बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
- रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य कर्नाटक
- चिड़ियाघर
- करणजी झील
- सिद्धि हनुमान मंदिर
- चामुंडी हिल्स नंदी
- रेल संग्रहालय मैसूर
- बृंदावन गार्डन
- कृष्णा राजा सागर डैम
- शिवानासमुद्र फॉल्स
- चामुंडेश्वरी मंदिर
- ललिता महल
- जय लक्ष्मी विलास हवेली
- जगनमोहन पैलेस
- मेलुकोटे मंदिर
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मैसूर पैलेस घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घुमने का सही समय –
अगर आप मैसूर पैलेस घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और मैसूर पैलेस बेहत खुबसूरत लगता है। और इस समय आप मैसूर पैलेस के अलावा भी कर्नाटक के ओर भी प्रसिद स्थल घूम सकते है
खुलने का समय :-
मैसूर पैलेस सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम को 5:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क :-
वयस्कों के लिए | 40 ₹ |
बच्चो के लिए | 20 ₹ |
छात्रों के लिए | 10 ₹ |
विदेशियों के लिए | 200 ₹ |
मैसूर पैलेस तक केसे पहुंचे (How to reach Mysore Palace) :-
ट्रेन से मैसूर पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की मैसूर पैलेस के सबसे नजदीक मैसूर रेलवे स्टेशन है जो की शहर के केंद्र से केवल 2 किलोमीटर दूर है और कर्नाटक शहर भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से भी जुड़ा हुआ है रलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और पैलेस तक पहुच सकते है।
फ्लाइट से मैसूर पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मैसूर पैलेस के सबसे नजदीक है जो की मैसूर शहर से केवल 170 किमी दुरी पर स्थित है यह हवाई अड्डा न्यू बैंगलोर में स्थित है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से पैलेस तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से मैसूर पैलेस तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह कर्नाटक शहर सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको कर्नाटक शहर या मैसूर पैलेस तक पहुंचा सकती हैं।
मैसूर पैलेस तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
मैसूर पैलेस कहां स्थित है?
भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित है।
मैसूर पैलेस का निर्माण किसने किया?
मैसूर पैलेस का निर्माण वाडियार शासको के द्वारा किया गया।
मैसूर पैलेस की स्थापना कब हुई?
मैसूर पैलेस की स्थापना 14 वी शताब्दी में हुई।
मैसूर पैलेस प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
मैसूर पैलेस सुबह 10:00 बजे से शाम को 5:30 बजे तक खुल रहता है।
मैसूर पैलेस क्यों फेमस है?
मैसूर पैलेस के भीतर बड़े से दुर्ग में एक विशाल गुंबद पर सोने की चादर सजी हुई है जब सूरज की किरण इस गुंबद पर पड़ती है तो पूरा महल जगमगाने लगता है जिसके करण बेहत फेमस है।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद