नमस्कार! आपका हमारे Knowledge With Ruchi Blog में स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं, जो अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध हैं, साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है, जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।
आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “सिंहगढ़ किला”।
यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।
सिंहगढ़ किले का इतिहास (Sinhagad Fort History in Hindi):-
सिंहगढ़ किले का समृद्ध इतिहास 14वीं शताब्दी से है, जब इसे “कोंढाना किला” के नाम से जाना जाता था। प्रारंभ में यह सातवाहन, चालुक्य और यादव सहित विभिन्न राजवंशों के नियंत्रण में था। आदिल शाह ने सरदार सिद्धि अंबर को अपने अधीन कर कोंढाना किला को अपने स्वराज्य में शामिल कर लिया।
जिसके बाद 1647 में इस किले को अपने अधीन कर छत्रपति शिवाजी महाराज ने इसका नाम बदलकर “सिंहगढ़ किला” रखा लेकिन 1649 में शाहजी महाराज को आदिल शाह से छुड़ाने के लिए किला उसे वापस देना पड़ा।
1670 में, छत्रपति शिवाजी महाराज के वीर सेनापति, तानाजी मालुसरे ने फिर से कब्ज़ा करने का नेतृत्व किया था। किला मुगल सेना से छीन लिया गया था, जिन्होंने शिवाजी की प्रारंभिक विजय के बाद इसे जब्त कर लिया था।
युद्ध के दौरान तानाजी के उल्लेखनीय पराक्रम और बलिदान ने उन्हें शाश्वत प्रसिद्धि दिलाई और “सिंहगड़ाचा मोर” (सिंहगढ़ का मोर) की उपाधि दी। और यह किला मराठा साम्राज्य का एक अभिन्न अंग बन गया। किले को मराठा साम्राज्य के दौरान महत्वपूर्ण प्रसिद्धि मिली, खासकर महान मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल के दौरान।
1818 में, तीसरे आंग्ल-मराठा युद्ध के दौरान, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सिंहगढ़ किले पर कब्ज़ा कर लिया। 1947 में भारत को आजादी मिलने तक यह किला ब्रिटिश नियंत्रण में रहा।
सिंहगढ़ किले की वास्तुकला (Architecture of Sinhagad Fort Pune):-
सिंहगढ़ किला, जिसे कोंढाना किला के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक किला है, जो भारत के महाराष्ट्र राज्य में पुणे शहर से लगभग 25 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में भुलेश्वर रेंज में एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है। समुद्र तल से लगभग 1,300 मीटर (4,265 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
इस किले की वास्तुकला मराठा और मुगल शैलियों का मिश्रण दर्शाती है, जो इस क्षेत्र पर नियंत्रण रखने वाले विभिन्न राजवंशों के प्रभाव को दर्शाती है। किले की दीवारें और बुर्ज अच्छी तरह से संरक्षित हैं, और प्रवेश द्वार प्रतिष्ठित “कल्याण दरवाजा” द्वारा संरक्षित है, जो प्रभावशाली किलेबंदी वाला एक मजबूत द्वार है।
सिंहगढ़ किले के अन्दर प्रसिद्ध पर्यटक स्थल (Famous Tourist Place Inside of Sinhagad Fort):-
तानाजी स्मारक–
तानाजी मालुसरे को समर्पित एक स्मारक, उस स्थान पर स्थित है जहां माना जाता है कि वह युद्ध के दौरान गिरे थे।
काली मंदिर-
देवी काली को समर्पित एक छोटा मंदिर, जो आगंतुकों के लिए धार्मिक महत्व रखता है।
अमृतेश्वर मंदिर-
किले के प्रवेश द्वार के पास स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर, जो अपनी जटिल नक्काशी और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है।
बिनी दरवाजा-
किले तक पहुंच प्रदान करने वाला एक और महत्वपूर्ण द्वार।
ट्रैकिंग और पर्यटन-
आज, सिंहगढ़ किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक पसंदीदा ट्रैकिंग स्थल है। किले के शीर्ष तक की यात्रा एक रोमांचक अनुभव है, जिसमें हरे-भरे वातावरण और चढ़ाई के दौरान मनमोहक दृश्य हैं। कई पर्यटक मानसून के मौसम के दौरान ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं जब परिदृश्य एक सुरम्य परिदृश्य में बदल जाता है।
सिंहगढ़ किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist Place Around of Sinhagad Fort):-
अगर आप सिंहगढ़ किला घुमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की महाराष्ट्र के पुणे शहर में सिंहगढ़ किले के अलावा भी कई प्रसिद मन्दिर, समुद्र तट तथा अन्य लोकप्रिय पर्यटक स्थल है , जो सिंहगढ़ किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को महाराष्ट्र की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।
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- शनिवार वाडा पुणे
- राजगढ़ किला
- विसापुर किला
- भुलेश्वर मंदिर
- दर्शन संग्रहालय
- शिवनेरी किला
- कटराज जैन मंदिर
- पुणे-ओकायामा फ्रेंडशिप गार्डन
- द एम्प्रेस गार्डन
- तोरणा किला
- सरसबाग गणपति मंदिर
- भोर व्यू पॉइंट
- तानाजिसागर डैम
- आगा खान पैलेस
- रंजनगांव गणपति मंदिर
- पश्चिमी घाट
- पार्वती हिल पुणे
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सिंहगढ़ किला घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-
घूमने का सही समय :–
अगर आप सिंहगढ़ किला घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है । इसलिए आप अक्टूबर से लेकर फरवरी तक के सर्दियों के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं। इस समय मौसम ठंडा रहता है और सिंहगढ़ किला बेहद खुबसूरत लगता है।
खुलने का समय :-
सिंहगढ़ किला सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता हैं।
प्रवेश शुल्क :-
सभी के लिए | 20 ₹ |
सिंहगढ़ किले तक केसे पहुंचे (How to Reach Sinhagad Fort) :-
ट्रेन से सिंहगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की किले के सबसे नजदीक पुणे रेलवे स्टेशन है जो भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन से भी जुड़ा हुआ है रलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुच सकते है।
फ्लाइट से सिंहगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दे की पुणे शहर में स्थित पुणे हवाई अड्डा किले के सबसे नजदीक है और भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।
सड़क मार्ग से सिंहगढ़ किले तक केसे पहुंचे :-
अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह सिंहगढ़ किला सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको पुणे शहर या सिंहगढ़ किले तक पहुंचा सकती हैं।
सिंहगढ़ किले तक पहुंचने का मेप :-
सवाल जवाब (Question Answer) :-
सिंहगढ़ किला कहां स्थित है?
महाराष्ट्र राज्य के पुणे जिले में स्थित है।
सिंहगढ़ किले की स्थापना कब हुई?
किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में हुआ था।
सिंहगढ़ किला कितना पुराना है?
यह किला 2000 साल पुराना है।
सिंहगढ़ किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?
किला सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।
सिंहगढ़ किला क्यों फेमस है?
यह किला अपनी विशिष्ट वास्तुकला, बेहतरीन नकाशी और महाराज छत्रपति शिवाजी की वीरता के कारण काफी फेमस है।
सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-
दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।
यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।
धन्यवाद